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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इन्तिज़ार हुसैन

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मॉडर्न पब्लिशिंग हाउस, दरियागंज, नई दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1980

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : अफ़साना

पृष्ठ : 282

सहयोगी : गौरव जोशी

intizar husain ke 17 afsane
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पुस्तक: परिचय

انتظار حسین کا شمار اردو کے اہم افسانہ نگاروں میں ہوتا ہے ان کے ناول اور افسانے ادب کی بلندی پر فائز ہیں ۔ ان کا کمال یہ تھا کہ وہ علامتی اور استعاراتی اسلوب کو نت نئے ڈھنگ سے بالکل اچھوتے انداز میں استعمال کرنے والے فن کار تھے ۔ان کا فن عوامی نہیں تھا بلکہ عام قاری کی فہم و بصارت سے کوسوں دور نظر آتا ہے ۔ ان کی تخلیق کا مطالعہ کر نے کے لیے وسیع مطالعہ ضروری ہے ۔ان کی کہانیوں میں چار طرح کے رنگ نظرآتے ہیں اول معاشر ہ کی عکاسی ، دوم رومانویت واخلاقیت کی منظر کشی اس میں وہ اخلاق ورومان کے زوال کے قصے بیان کرتے ہیں ۔سوم سیاسی اورسماجی اور چوتھا رنگ ان کی کہانیو ں میں جو نظرآتا ہے وہ ہے نفسیاتی ۔ ان کے علاوہ ہندودیومالائی اور بودھ جاتک کتھاؤں کابھی رنگ ان کے افسانوں میں جابجا نظرآتا ہے ۔ ان کے اس مجموعے میں سترہ افسانے ہیں ۔ ایک طر ح سے یہ شہر افسوس کا دوسرانا م ہے ، کیونکہ یہی کہانیا ں بھارت سے پہلے جب پاکستا ن میں شائع ہو ئی تھیں تو’’ شہر افسوس ‘‘ نام تھا لیکن بھارت میں ’’ انتظار حسین کے سترہ افسانے ‘‘ کے نام سے شائع ہوئی ۔ یہ ان کامقبول ترین مجموعہ رہا ہے ۔جس رنگ کے افسانوں کے لیے وہ جانے جاتے ہیں وہ اس میں مکمل طور پر پایا جاتا ہے ۔

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लेखक: परिचय

इन्तिज़ार हुसैन का जन्म 21 दिसंबर 1925 को मेरठ में हुआ था। मेरठ कॉलेज से बी.ए. किया और पाकिस्तान बनने के बाद वो लाहौर पाकिस्तान चले आए, जहाँ जामिया-ए-पंजाब से उर्दू में एम.ए करने के बाद वे पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ गए। उनका पहला फ़िक्शन संग्रह "गली कूचे " 1953 में प्रकाशित हुआ था। वो रेडियो में कॉलम भी लिखते थे। उर्दू अफ़्साना निगारी में उनका मक़ाम बहुत बुलंद है और उनके बेशुमार अफ़्साने लोगों में चर्चा का विषय हैं।  उपन्यास लेखन में उनका विशेष स्थान है। उनकी किताबों का मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा हुआ है। समीरा गिलानी ने उनकी किताब "बस्ती" और "ख़ाली  पिंजरा" का फ़ारसी में अनुवाद किया है।
उनको हुकूमत-ए-पाकिस्तान ने सितारा-ए-इम्तियाज़ से नवाज़ा है। इन्तिज़ार हुसैन पाकिस्तान के पहले अदीब हैं जिनका नाम मैन बुकर प्राइज़ के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया था  । 

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