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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सहबा लखनवी

प्रकाशक : मोहम्मद सुहैल उमर

प्रकाशन वर्ष : 2000

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शोध एवं समीक्षा

उप श्रेणियां : शायरी तन्क़ीद

पृष्ठ : 426

सहयोगी : मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी, भोपाल

iqbal aur bhopal
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लेखक: परिचय

सहबा लखनवी एक अच्छे शायर और ‘अफ़कार’ जैसे अहम रिसाले के सम्पादक के रूप में मशहूर हैं. उनकी पैदाइश 25 दिसम्बर 1919 को हुई. सैयद शराफ़त अली नाम था, सहबा तख़ल्लुस अपनाया. अमिरुद्दौला इस्लामिया कालेज लखनऊ और इस्माइल यूसुफ कालेज मुम्बई से शिक्षा प्राप्त की. लखनऊ के अदबी माहौल के असर से बहुत छोटी उम्र में ही शे’र कहने लगे थे. उनकी पहली ग़ज़ल साप्ताहिक ‘आफ़ताब’ में 1931 में प्रकाशित हुई. पहला काव्य संग्रह ‘माहपारे’ के नाम से 1940 में भोपाल से प्रकाशित हुआ.  
शायरी के साथ सहबा ने अच्छे आलोचनात्मक आलेख भी लिखे. 1958 में अस्रारुल्हक़ मजाज़ के व्यक्तित्व और शायरी पर उनकी एक किताब ‘मजाज़ एक आहंग’ के नाम से प्रकाशित हुई. ‘इक़बाल और भोपाल’ के नाम से भी एक शोधपूर्ण किताब लिखी. ‘बर्तानिया में उर्दू’ उनकी एक ऐसी किताब है जिसमें उन्होंने उर्दू के हवाले से भाषाविदों द्वारा किये गये कामों की विवेचना की है. सहबा ने बच्चों के लिए भी बहुत सी कहानियां लिखीं.

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