aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
नो’मान शौक़ (सैयद मोहम्मद नो’मान) का जन्म 2 जुलाई 1965 को आरा, बिहार में हुआ और शिक्षा दीक्षा भी वहीं हुई। शे’र कहना 1981 में शुरू किया। अंग्रेज़ी और उर्दू में एम.ए. करने के बा’द 1995 में आकाशवाणी से संबद्ध हुए और प्रसारणकर्ता की हैसियत से अधिकांश समय एफ़.एम. एवं उर्दू प्रोग्राम को दिया। फ़िलहाल आकाशवाणी की विदेश प्रसारण सेवा में कार्यरत हैं। नो’मान शौक़ की कविताएं, ग़ज़लें, समीक्षाएं, लेख, अनुवाद आदि विभिन्न उर्दू-हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में न सिर्फ़ प्रमुखता से प्रकाशित होती रही हैं बल्कि उनकी रचनाओं का देशी-विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है। अब तक इनकी चार किताबें अजनबी साअ’तों के दर्मियान, जलता शिकारा ढूंढने में, फ़्रीज़र में रखी शाम, अपने कहे किनारे उर्दू में और कविता संग्रह रात और विषकन्या हिंदी में भारतीय ज्ञानपीठ ने प्रकाशित की है। कई उर्दू-हिंदी पत्र-पत्रिकाओं और वेबसाइट्स की परिकल्पना एवं संपादन में भी नो’मान शौक़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जनीतिक और सामाजिक चिंताओं की व्यंग्यात्मक धारदार परन्तु सरल सहज अभिव्यक्ति और मोहब्बत भरे बेबाक लहजे की बदौलत समकालीन उर्दू शाइ’री में एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर की हैसियत रखते हैं। बुनियादी तौर पर ग़ज़ल का शाइ’र होने के बावजूद नो’मान शौक़ की शाइ’री प्रतिरोध और प्रेम का एक अद्भुत वैचारिक संगम है।
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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