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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : अहसन मारहरवी

प्रकाशक : मतबा शमसी, हैदराबाद दकन

मूल : हैदराबाद, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1902

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : जीवनी

पृष्ठ : 167

सहयोगी : सुमन मिश्रा

jalwa-e-daagh
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लेखक: परिचय

अहसन मारहरवी, सय्यद अ’ली अहसन (1876-1940)‘दाग़’ देहलवी के शागिर्द थे और कई साल हैदराबाद में उस्ताद के साथ गुज़ारे। उ’म्र के आख़िरी बरसों के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उर्दू के उस्ताद रहे। मुशाएरों में गलेबाज़ी के बढ़ते चलन से नाराज़ रहते थे।

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