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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : नादिर काकोरवी

प्रकाशक : मत्बा शाम-ए-अवध, लखनऊ

प्रकाशन वर्ष : 1902

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 72

सहयोगी : राजा महमूदाबाद लाइब्रेरी, महमूदाबाद

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लेखक: परिचय

नादिर काकोरवी, मुन्शी अ’ली ख़ाँ (1887-1912) काकोरी, ज़िला लखनऊ में आँखें खोलीं। फ़ारसी और उर्दू के अलावा अंग्रज़ी भी पढ़ी। अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ा और बहुत सी अंग्रेज़ी शाइ’री का उर्दू अनुवाद किया। उर्दू में नई शाइ’री के आन्दोलन में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने नज़्में ज़ियादा लिखीं और अपना एक अन्दाज़ भी पैदा किया। बहुत कम-उ’म् री में चल बसे।

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