aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
उरूज ज़ैदी बदायूनी, सय्यद फ़य्याज़ अली ज़ैदी (1912-1987 ) परंपरा-बद्ध शाइरी में नए सुर लगाने वाले ग़ज़ल शाइर जिन्होंने ग़ज़ल-विराधी माहौल में भी इस विधा पर यक़ीन बहाल रखा। मेरठ में जन्म मगर घराना बदायूँ का। ज़िन्दगी रामपुर में गुज़री। अहसन मारहरवी के शागिर्द।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Get Tickets