aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
मोहन सिंह ओबेरॉय दीवाना 1899 को रावलपिंडी में पैदा हुए. पंजाब यूनिवर्सिटी से एम.ए. किया और कलकत्ता यूनिवर्सिटी से ‘जदीद उर्दू के रुझानात’ विषय पर शोधग्रंथ लिखकर पी.एच डी. की उपाधि प्राप्त की. पंजाब यूनिवर्सिटी से डी.लिट्. भी किया और पंजाबी अदब की तारीख़ पर एक अहम किताब लिखी. ओरिएण्टल कालेज लाहौर में लम्बे समय तक अंग्रेज़ी और पंजाबी के अध्यापक रहे. विभाजन के बाद हिन्दुस्तान आगये.
मोहन सिंह ओबेरॉय दीवाना ने उर्दू और पंजाबी दोनों ज़बानों में शायरी की. दीवाना की उर्दू शायरी अपने पंजाबी मिली डिक्शन की वजह से ख़ूब सराही गयी. दीवाना की नज़्मों और ग़ज़लों का संग्रह ‘सफ़ीना’ के नाम से प्रकाशित हुआ. 1984 में देहांत हुआ.
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Get Tickets