aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
नातिक़ गुलावठी, सय्यद अबुल-हसन (1886-1969) कामटी (महाराष्ट्र) में पैदा हुए मगर उन का घराना गुलावठी, मेरठ (उत्तर प्रदेश) का था। दारुलउलूम (इस्लामी विश्वविद्यालय), देवबन्द में शिक्षा प्राप्त की। हकीम भी थे। मिर्ज़ा‘ दाग़’ देहलवी के शागिर्द। नागपुर म्युनिसिपल कमेटी और केंद्रीय असम्बली के सदस्य रहे। मिर्ज़ा‘ग़ालिब’ के दीवान की शर्ह (व्याख्या) भी लिखी।
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