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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : गोपाल मित्तल

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : पंजाब लिटरेचर कंपनी, लाहौर

मूल : लाहौर, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1940

भाषा : Urdu

पृष्ठ : 80

सहयोगी : सुंदरैया विग्नाना केन्द्रम, हैदराबाद

समर्थन : Dentsu (एक CSR पहल)

karl marx
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लेखक: परिचय

गोपाल मित्तल की पहचान शायर, समालोचक और योग्य सम्पादक की है. उनकी पैदाइश 11 जून 1901 को मलियर कोटला (पूर्वी पंजाब) में हुई. सनातन धर्म कालेज लाहौर से बी.ए. किया और 1948 में दिल्ली आ गये. यहाँ माहनामा ‘तहरीक’ से सम्बद्ध हो गये. उनके सम्पादन में उस पत्रिका ने उर्दू की साहित्यिक पत्रकारिता में अहम भूमिका निभाई. गोपाल मित्तल ने शायरी के साथ अच्छी समालोचना भी लिखी. उनके लेखन ने नये वैचारिक विमर्श स्थापित करने और पुरानी बहसों को सही संदर्भ में समझने में सहयोग प्रदान किया.
गोपाल मित्तल को उनकी अदबी तन्कीदी ख़िदमात के लिए ग़ालिब एवार्ड और बिहार उर्दू अकादमी एवार्ड से नवाज़ा गया. 15 मार्च 1993 को दिल्ली में उनका देहांत हुआ.

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