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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : जाँ निसार अख़्तर

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : लाहोती प्रस, दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1973

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 365

सहयोगी : दारुल मुसन्निफ़ीन शिबली अकादमी, आज़मगढ़

khak-e-dil
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लेखक: परिचय

जाँ-निसार अख़्तर, सय्यद जाँ-निसार हुसैन रिज़्वी (1914-1976) प्रगतिशील आन्दोलन में सक्रिय, प्रमुख शाइरों में शामिल, जिन्होंने इश्क़िया शाइरी को नए यथार्थ-बोध से परिचित कराया। फ़िल्मों के विख्यात गीतकार। ग्वालियर में जन्म। मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ में तालीम। ग्वालियर और भोपाल में अध्यापन, फिर मुंबई में क़याम। मशहूर क्लासिकी शाइर ‘मुज़्तर’ ख़ैराबादी उनके पिता थे और मशहूर फ़िल्म लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर उनके बेटे हैं।

 

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