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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इन्तिज़ार हुसैन

प्रकाशक : आरिफ़़ मोंगिरी

प्रकाशन वर्ष : 1997

भाषा : Devnagari

श्रेणियाँ : अफ़साना, अनुवाद

उप श्रेणियां : कहानी

पृष्ठ : 143

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 81-214-0280-8

अनुवादक : ख़ुर्शीद आलम

सहयोगी : हैदर अली

khali pinjra
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पुस्तक: परिचय

انتظار حسین اردو افسانے کا ایک معتبر نام ہونے کے ساتھ ساتھ اپنے اسلوب اور بدلتے لہجوں کے باعث پیش منظر کے افسانہ نگاروں کے لیے بڑا چیلنج تھے۔ ان کی اہمیت یوں بھی ہے کہ انہوں نے داستانوی فضا، اس کی کردار نگاری اور اسلوب کا اپنے عصری تقاضوں کے تحت برتاؤ کرنا چاہا۔ ان کی تحریروں کو پڑھ کر حیرت کاایک ریلا سا آتا ہے جس کی بنا پر ان کے سنجیدہ قارئین کے پاؤں اکھڑ جاتے ہیں۔ ان کی خود ساختہ صورت حال حقیقت سے بہت دور ہے۔ اس طرح کی صورت حال تخیل کے حوالے سے یورپ میں سامنے آئی۔ ان کی تحریروں کی فضا ماضی کے داستانوں کی بازگشت ہے۔ ان کے یہاں پچھتاوے، یاد ماضی، کلاسیک سے محبت، ماضی پرستی، ماضی پر نوحہ خوانی اور روایت میں پناہ کی تلاش بہت نمایاں ہے۔ پرانی اقدار کے بکھرنے اور نئی اقدار کے سطحی اور جذباتی ہونے کا دکھ اور اظہار کے ضمن میں بہت سی جگہوں پر انداز اور لب و لہجہ ترش ہو جاتا ہے۔ وہ علامتی اور استعاراتی اسلوب کو نت نئے ڈھنگ سے استعمال کرنے والے افسانہ نگار تھے، لیکن اپنی تمام تر ماضی پرستی اور مستقبل سے فرار اور انکار کے باوجود ان کی تحریروں میں ایک عجیب طرح کا سوز اورحسن ہے۔ اس میں ویسی ہی کشش ہے جو چاندنی راتوں میں پرانی عمارتوں میں محسوس ہوتی ہے۔ زیر نظر افسانوں اسی طرح کی کچھ فضا محسوس کی جاسکتی ہے۔ "خالی پنچرہ" میں شامل افسانے دیوناگری رسم الخط میں پیش کئے جارہے ہیں۔

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लेखक: परिचय

इन्तिज़ार हुसैन का जन्म 21 दिसंबर 1925 को मेरठ में हुआ था। मेरठ कॉलेज से बी.ए. किया और पाकिस्तान बनने के बाद वो लाहौर पाकिस्तान चले आए, जहाँ जामिया-ए-पंजाब से उर्दू में एम.ए करने के बाद वे पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ गए। उनका पहला फ़िक्शन संग्रह "गली कूचे " 1953 में प्रकाशित हुआ था। वो रेडियो में कॉलम भी लिखते थे। उर्दू अफ़्साना निगारी में उनका मक़ाम बहुत बुलंद है और उनके बेशुमार अफ़्साने लोगों में चर्चा का विषय हैं।  उपन्यास लेखन में उनका विशेष स्थान है। उनकी किताबों का मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा हुआ है। समीरा गिलानी ने उनकी किताब "बस्ती" और "ख़ाली  पिंजरा" का फ़ारसी में अनुवाद किया है।
उनको हुकूमत-ए-पाकिस्तान ने सितारा-ए-इम्तियाज़ से नवाज़ा है। इन्तिज़ार हुसैन पाकिस्तान के पहले अदीब हैं जिनका नाम मैन बुकर प्राइज़ के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया था  । 

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