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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : आसिम वास्ती

प्रकाशक : नैरंग-ए-ख़याल पब्लिकेश्न्स, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1989

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 210

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

kiran kiran andhera
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लेखक: परिचय

आ’सिम वास्ती ने पाकिस्तान के सरहदी प्रांत के मर्दान क़स्बे में आँखें खोलीं मगर उनका परिवार अंबाला का था। उनके पिता सलाहुद्दीन शौकत वास्ती मश्हूर शाइ’र थे। घर के माहौल से प्रेरणा पा कर आ’सिम वास्ती 11 साल की उ’म्‍र से ही शे’र कहने लगे। 1984 में ता’लीम के लिए इंग्लैंड गए जहाँ उनके दो कविता-संग्रह ‘किरन किरन अंधेरा’(1989) और ‘आग की सलीब’ (1995) प्रकाशित हुए। तीसरा संग्रह ‘तेरा एहसान ग़ज़ल है’ अबू ज़हबी में प्रकाशित हुआ। उनकी चौथी किताब ‘तवस्सुल’ अभी हाल ही में आई है। आ’सिम वास्ती अबू ज़हबी में मेडिकल डाक्टर हैं।

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