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मुंशी महाराज बर्क़ का जन्म जुलाई 1884 में देहली के एक कायस्थ परिवार में हुआ उनके पूर्वजों का पुराना वतन संकट ज़िला एटा उ0 प्र0 था। परिवार के मुखिया राय जागरूप बहादुर की एटा के प्रसिद्ध बुज़ुर्गों में गिनती होती थी और उनके अग्रज जो कई पीढ़ियों से दिल्ली में निवास करते थे और नाना दौलत राम इबरत साहिब-ए-दीवान शायर थे और उस्ताद ज़ौक़ के शागिर्दों में से थे। बर्क़ हज़रत आग़ा शायर क़ज़िलबाश से इस्लाह लिया करते थे। ‘कृष्ण दर्पण’, ‘मतला-ए-अनवर’ और ‘हर्फ़-ए-नातमाम’ उनके काव्य संग्रह हैं। शायरी के अलावा आरम्भ में उन्होंने ड्रामे भी लिखे जिनमें से ‘कृष्ण अवतार’ और ‘सावित्री’ का कई बार मंचन भी हुआ।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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