Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : गुलज़ार देहलवी

प्रकाशक : गुलज़ार देहलवी

प्रकाशन वर्ष : 2010

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : कुल्लियात

पृष्ठ : 628

सहयोगी : ग़ालिब अकेडमी, देहली

kulliyat-e-gulzar dehlvi
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

उर्दू के शायर, गंगा-जमुनी तहज़ीब के अमीन और पासदार, स्वतंत्रता सेनानी जनाब पंडित  आनंद मोहन ज़ुत्शी “गुलज़ार देहलवी” 7 जुलाई1926 को दिल्ली के एक शिक्षित घराने में पैदा हुए थे। उनके पिता पंडित त्रिभुवन नाथ ज़ुत्शी ‘ज़ार देहलवी’ और माता रानी ज़ुत्शी दोनों अपने ज़माने के प्रसिद्ध शायर थे। उनकी माता का तख़ल्लुस ‘बेज़ार’ था। गुलज़ार देहलवी को भाषा और अभिव्यक्ति पर असाधारण दक्षता प्राप्त थी। उन्होंने अद्वितीय लब-ओ-लहजे के शायर के रूप में उर्दू दुनिया में प्रतिष्ठा स्थापित की। उनकी आरंभिक शिक्षा  राम जेशन स्कूल और बी. वी. जे संस्कृत स्कूल में हुई। उन्होंने हिंदू कॉलेज से एम.ए किया और क़ानून की सनद हासिल की। गुलज़ार साहब ने अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू हिंद से अदीब फ़ाज़िल का इम्तहान पास किया। गुलज़ार देहलवी स्वतंत्रता सेनानी और एक अहम इन्क़िलाबी शायर थे। सन्1943 से वो हिंदुस्तान के मुशायरों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय मुशायरों में भी शामिल होते रहे और लगभग 50 देशों के मुशायरों में शिरकत कर चुके थे। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भी गुलज़ार देहलवी की शायरी के प्रशंसक थे और उन्होंने 1958ई. के अखिल भारतीय उर्दू कान्फ़्रेंस का सेक्रेटरी गुलज़ार देहलवी को बनाया। फिर “कौंसिल ऑफ  साइंटिफिक इंडस्ट्रीयल रिसर्च सेंटर” का डायरेक्टर भी नियुक्त किया। उसी संस्था के अधीन  गुलज़ार देहलवी ने “साइंस की दुनिया” नामक उर्दू पत्रिका जारी किया। और यूं बहैसियत एडिटर साइंस की दुनिया, गुलज़ार देहलवी की इतनी शोहरत हुई कि लोग उन्हें “साइंसी शायर” कहने लगे। गुलज़ार देहलवी उर्दू ज़बान के ऐसे पहले अदीब हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ अर्थात यू.एन.ओ ने उर्दू में भाषण देने का सम्मान दिया था। सन्2000 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 36 देशों के शायरों की कान्फ़्रेंस का अमरीका में आयोजन किया था जिसमें गुलज़ार देहलवी ने हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व करने के अलावा उस कान्फ़्रेंस की अध्यक्षता भी की थी।

गुलज़ार देहलवी के प्रकाशनों में “गुलज़ार-ए-ग़ज़ल” और “कुल्लियात-ए-गुलज़ार देहलवी” हैं जबकि उनके व्यक्तित्व और साहित्यिक सेवाओं पर लिखी जाने वाली किताबों में “कुछ देखे कुछ सुने” और “मुशायरा जश्न-ए-जमहूरियत1973” शामिल हैं। प्रतिष्ठित उर्दू पत्रिका “चहार सू” ने गुलज़ार देहलवी के व्यक्तित्व और उनकी सेवाओं पर आधारित विशेषांक प्रस्तुत  किया था। मार्च 2011 को नई दिल्ली में उनके काव्य संग्रह का लोकार्पण हुआ जिसमें उपराष्ट्रपति जनाब हामिद अंसारी शरीक रहे। उस जलसे में मुहम्मद यूनुस मेमोरियल कमेटी ने उपहार में एक चेक, प्रशस्ति पत्र और दोशाले से नवाज़ा था।

अनगिनत तमगों और सम्मान से वो नवाज़े गए जिनमें मुजाहिद-ए-उर्दू और शायर-ए-क़ौम का ख़िताब, ग़ालिब अवॉर्ड, इंदिरा गांधी मेमोरियल क़ौमी अवॉर्ड के अलावा विभिन्न देशों में उपाधियों और सम्मानों से विभूषित किए गए। सन्2009 में वो मीर तक़ी मीर अवॉर्ड से नवाज़े गए थे। भारत सरकार ने उनको पद्मश्री से भी सम्मानित किया था। गुलज़ार साहब वैश्विक महामारी कोविड से पीड़ित थे लेकिन जल्द ही इस घातक बीमारी से ठीक हो कर वो अस्पताल से घर लौट आए थे। पाँच दिन बाद वो 12 जून 2020ई. को इस दुनिया से विदा  हो गए।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए