aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
हैरत इलाहाबादी, मोहम्मद जान ख़ाँ (1835-1892) ख़्वाजा ‘आतिश’ के शागिर्द मिर्ज़ा आ’जम अ’ली आ’ज़म और ‘वहीद’ इलाहाबाी के शागिर्द थ। इस तरह ‘अकबर’ इलाहाबादी के उस्ताद भाई हुए। अपने एक शे’र आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं सामान सौ बरस के हैं पल की खबर नहीं के लिए मशहूर
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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