aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
सुलेमान, मिर्ज़ा सुलेमान शिकोह
मुग़ल शहंशाह शाह आलम सानी ‘आफ़्ताब’ के तीसरे बेटे थे। ग़ुलाम क़ादिर रोहीला ने जब शाह आलम की आँखों में गर्म सलाइयाँ फेर कर उन्हें अंधा कर दिया तो हालात इतने बिगड़े के शहज़ादे को दिल्ली छोड़ कर लखनऊ में पनाह लेनी पड़ी। नवाब आसिफ़ुद्दौला की तरफ़ से उन्हें माहाना 6 हज़ार रूपए मिलते थे। मिर्ज़ा सुलेमान शाइ’र-नवाज़ थे और सारे बड़े शाइ’र उनसे फ़ायदा उठाते थे।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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