Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : गोपाल मित्तल

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मकतबा तहरीक, दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1971

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : आत्मकथा

पृष्ठ : 168

सहयोगी : ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी, पटना

समर्थन : Dentsu (एक CSR पहल)

lahore ka jo zikr kiya
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

गोपाल मित्तल की पहचान शायर, समालोचक और योग्य सम्पादक की है. उनकी पैदाइश 11 जून 1901 को मलियर कोटला (पूर्वी पंजाब) में हुई. सनातन धर्म कालेज लाहौर से बी.ए. किया और 1948 में दिल्ली आ गये. यहाँ माहनामा ‘तहरीक’ से सम्बद्ध हो गये. उनके सम्पादन में उस पत्रिका ने उर्दू की साहित्यिक पत्रकारिता में अहम भूमिका निभाई. गोपाल मित्तल ने शायरी के साथ अच्छी समालोचना भी लिखी. उनके लेखन ने नये वैचारिक विमर्श स्थापित करने और पुरानी बहसों को सही संदर्भ में समझने में सहयोग प्रदान किया.
गोपाल मित्तल को उनकी अदबी तन्कीदी ख़िदमात के लिए ग़ालिब एवार्ड और बिहार उर्दू अकादमी एवार्ड से नवाज़ा गया. 15 मार्च 1993 को दिल्ली में उनका देहांत हुआ.

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए