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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सय्यद आबिद अली आबिद

प्रकाशक : नियाज़ अहमद

मूल : लाहौर, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1993

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 393

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 969-35-081-0

सहयोगी : रेख़्ता

main kabhi ghazal na kahta
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लेखक: परिचय

उर्दू में जिन लोगों ने एक व्यापक साहित्यिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक चेतना के साथ समालोचना लिखी है उनमें एक नाम आबिद अली आबिद का भी है. आबिद अली आबिद उर्दू के साथ फ़ारसी व अंग्रेज़ी ज़बान व साहित्य के ज्ञाता भी थे, इसी वजह से उनका समालोचनात्मक डिस्कोर्स उनके दौर में लिखी जानेवाली पारंपरिक आलोचना से भिन्न नज़र आता है.
आबिद अली आबिद 17 सितम्बर 1906 को डेरा इस्माइल खां में पैदा हुए. उनके पिता फ़ौज में मुलाज़िम थे. लाहौर से एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्त की और गजराब में वकालत करने लगे लेकिन उनकी शैक्षिक और साहित्यिक रुचि उन्हें लाहौर खीँचलाई. पंजाब यूनिवर्सिटी से फ़ारसी में एम.ए. किया और दयाल सिंह कालेज लाहौर में फ़ारसी के प्रोफेसर नियुक्त हुए. 20 जनवरी 1971 को लाहौर में देहांत हुआ.
आबिद अली आबिद की कृतियों के नाम ये हैं: ‘ओसुल-ए-इन्तेक़ाद,’ ‘अदब के उस्लूब,’ ‘शमा,’ ‘यदे बैज़ा,’ ‘सुहाग,’ ‘तल्मिहात-ए-इक़बाल,’ ‘तिलिस्मात,’ ‘मै कभी ग़ज़ल न कहता,’ ‘बरेशाम ऊद,’ ‘इन्तेक़ाद,’ वगैरह.

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