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jis ke hote hue hote the zamāne mere
राम प्रसाद बिस्मिल (1897-1927) भारत के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी और कवि थे, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उनका जन्म 11 जून 1897 को शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और काकोरी कांड (1925) के प्रमुख योजनाकारों में शामिल थे, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार की ट्रेन से खजाना लूटकर क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए धन जुटाने का प्रयास किया।
बिस्मिल केवल क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि एक प्रतिभाशाली कवि भी थे। वे "बिस्मिल" उपनाम से हिंदी और उर्दू में देशभक्ति से ओत-प्रोत कविताएँ लिखते थे।
उन्हें 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल में फाँसी दे दी गई। उनकी शहादत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है और वे आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।