Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : मौलाना जलालुद्दीन रूमी

प्रकाशक : सब रंग किताब घर, दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1977

भाषा : Urdu, Persian

श्रेणियाँ : शाइरी, अनुवाद, सूफ़ीवाद / रहस्यवाद

उप श्रेणियां : मसनवी, शायरी, शायरी

पृष्ठ : 371

अनुवादक : क़ाज़ी सज्जाद हुसैन

सहयोगी : ग़ालिब अकेडमी, देहली

masnavi maulana-e-rum
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

مثنوی مولوی معنوی" جس نے مولاناروم کے نام کو آج تک زندہ رکھا ہوا ہے اور جس کی شہرت اور مقبولیت نے ایران کی تمام تصانیف کوپیچھے چھوڑ دیا ہے۔ مولاناروم کا سب سے اہم شاہکار ان کی شہرۂ آفاق مثنوی ہے، جو 6بسیط دفاتر پر مشتمل ہے۔ یہ مثنوی تقریبا 26ہزار اشعارپرمشتمل ہے۔ زیر نظر کتاب دفتر چہارم ہےجس میں اخلاق و عقائد کی باتیں نہایت پرکشش اور دلچسپ پیرائے میں بیان کی گئی ہیں۔ مثنوی معنوی دراصل عملی حرارت پیداکرنے والی ایک ایسی چنگاری ہے جواپنی ابتدائے تخلیق سے تاہنوز پیہم سلگ رہی ہے اور ہرشخص اپنی فہم و فراست کے مطابق اس سے حرارت حاصل کررہا ہے۔ مولانا روم کی مثنوی حقیقت جوش و جذبہ، ہمت و حوصلہ، جدو جہد اور متواترمحنت کی جیتی جاگتی مثال ہے۔ یہ مثنوی اپنی سادگی، صفائی، سلاست و روانی، منقولات و معقولات، نصیحت آمیز جملوں، تلمیحات و استعارات اور دلچسپ واقعات و تمثیلات کی وجہ سے عوام و خواص میں ہمیشہ سے مقبول رہی ہے، یہی وجہ ہے کہ آغاز تصنیف سے آج تک کے دانشوران نے مختلف زبانوں میں اس کے تراجم و شروحات لکھ کر اس میں موجود معانی کے سمندر سے چشمے بہائے ہیں۔ اس کتاب میں مولانا کے فارسی اشعار کے ساتھ ساتھ نیچے ان کا اردو ترجمہ ہے ،ساتھ ہی ساتھ مشکل اصطلاحات کی وضاحت حاشیہ میں کی گئی ہے۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

पूरा नाम जलालुद्दीन रूमी. इनकी मसनवी को क़ुरआनी पहलवी भी कहते हैं. इसमें 26600 दो-पदी  छंद हैं , कहा जाता है कि निशापुर में इनकी भेंट प्रसिद्ध सूफ़ी संत शेख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार से भी हुई थी.  फ़रीदुद्दीन अत्तार ने इन्हें अपनी इलाहीनामा की एक प्रति भेंट भी की थी.  रूमी की दो शादियाँ हुईं, जिनसे इन्हें दो बेटे और एक बेटी पैदा हुई थी.  विनफ़ील्ड के अनुसार रहस्यवाद में रूमी की बराबरी कोई नहीं कर सकता. रूमी शम्स तबरेज़ को अपना मुर्शिद मानते थे और उनकी रहस्यमयी मृत्यु के बाद उन्होंने अपने दीवान का नाम भी अपने मुर्शिद के नाम पर ही रखा. रूमी की मसनवी दुनिया भर में सबसे ज़्यादा पढ़ी जाने वाली किताबों में शुमार होती है|

प्रमुख रचनायें

१. मसनवी

२. दीवान-ए-शम्स तबरेज़

 

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए