aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
आलम ताब तिश्ना का असल नाम सय्यद आलम ताब अली था. 10 जुलाई 1935 को मेरठ में पैदा हुए. विभाजन के बाद अपने खानदान के साथ पाकिस्तान हिज्रत कर गये और कराची में बस गये.
तिश्ना की शाइरी में एक बहुत गहरा नस्ताल्जिक एहसास बिखरा पड़ा है. वह अपनी पैदाइशी सरज़मीन, उसकी चहल पहल और उससे सम्बद्ध यादोँ की तरफ़ बार-बार पलटते नज़र आते हैं. आलम ताब तिश्ना के दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुए, ‘मौज-मौज तिश्नगी’ और ‘आईने के उस तरफ़. उन्होंने शेक्सपियर के ड्रामे ‘A Mid Summer Night’s Dream’ का उर्दू में छन्दोबद्ध अनुवाद भी किया जो ‘माहे नीम शब’ के नाम से प्रकाशित हुआ. 11 मई 1991 को कराची में तिश्ना का देहांत हुआ.
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