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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : एहसान दानिश

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : मकतबा क़स्र-ए-उर्दू, दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1965

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : जीवनी, शोध एवं समीक्षा

उप श्रेणियां : शायरी तन्क़ीद

पृष्ठ : 223

सहयोगी : जामिया हमदर्द, देहली

मोमिन हयात-ओ-शायरी
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लेखक: परिचय

एहसानुल-हक़ (1914-1982)ज़िन्दगी का हौसला और जोश बढ़ाने वाली शाइरी के लिए मशहूर। कान्धला, मुज़फ़्फ़र नगर (उत्तर प्रदेश) में जन्म। ग़रीबी ने चौथी क्लास से आगे न पढ़ने दिया। घर चलाने के लिए मज़्दूरी करने लगे। 15 साल की उम् में लाहौर जा बसे और वहाँ भी मज़्दूरी, चौकीदारी और बाग़बानी जैसे काम किए। फिर एक बुक डिपो में नौकरी मिल गई। इन सब कामों के बीच पढ़ाई भी की और शाइरी भी। ताजवर नजीबाबादी के शागिर्द थे।

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