aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
زیر نظر احسان دانش کا ایک معرکتہ الآرا شعری مجموعہ:نوائے کار گر" ہے۔جس میں شاعر کی بیشتر درد انگیز نظمیں ہیں جو نسوانی احساسات و جذبات کی عکاس ہیں۔یہ نظمیں منظر کشی اور جزئیات نگاری کے اعتبار سے بھی کامیاب ہیں۔شاعر نے کتاب کو "حسن خیال،قلب ونظر، محبت،ہجوم خیال،لہریں اور ایوان غزل جیسے مختلف عنوانات کے تحت نظموں ، غزلوں اور گیتوں کو پیش کیا ہے۔
एहसानुल-हक़ (1914-1982)ज़िन्दगी का हौसला और जोश बढ़ाने वाली शाइरी के लिए मशहूर। कान्धला, मुज़फ़्फ़र नगर (उत्तर प्रदेश) में जन्म। ग़रीबी ने चौथी क्लास से आगे न पढ़ने दिया। घर चलाने के लिए मज़्दूरी करने लगे। 15 साल की उम् में लाहौर जा बसे और वहाँ भी मज़्दूरी, चौकीदारी और बाग़बानी जैसे काम किए। फिर एक बुक डिपो में नौकरी मिल गई। इन सब कामों के बीच पढ़ाई भी की और शाइरी भी। ‘ताजवर’ नजीबाबादी के शागिर्द थे।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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