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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सुलैमान अरीब

प्रकाशक : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू औरंगाबाद (डेक्कन)

प्रकाशन वर्ष : 1961

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 130

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

पास-ए-गरेबाँ
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लेखक: परिचय

 

सुलेमान अरीब (1922-1970)  नएजीवन-अनुभवों को ज़बान देने वाले प्रमुख शाइर जिन्होंने नई शाइरी को स्थापित करने में सशक्त योगदान किया। अपनी राजनैतिक शाइरी के लिए दोबार जेल गए। दो साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन करने के बाद ख़ुद अपनी पत्रिका सबाजारी की। हैदराबाद में जन्म और देहांत।

 

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