aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
उम्मीद फाज़िली, इर्शाद अहमद फ़ाज़िली (1923-2005 ) क्लासिकी भाव-संसार को नर्इ ज़िन्दगी के अनुभवों के मिलाप से एक नर्इ अभिव्यक्ति देने वाले ग़ज़ल-गो शाइर। डिबार्इ, बुलन्दशह्र (उत्तर प्रदेश) में जन्म। शकील बदायूनी और फिर नूह नारवी के शागिर्द रहे। बटवारे के बाद सरहद पार कर गए।
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