Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : क़ैसी रामपुरी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : रोयल एजुकेशनल बुक डिपो, दिल्ली

मूल : दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1945

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : नॉवेल / उपन्यास

पृष्ठ : 206

सहयोगी : मटिया बुर्ज हिन्दुस्तानी लाइब्रेरी, कोलकाता

phanda
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

क़ैसी रामपुरी का जन्म 20 जून 1908 को रामपुर में हुआ था। उनका असली नाम ख़लीलुल्ज़माँ ख़ान था, और उनके पिता का नाम मोहम्मद ज़माँ ख़ान था। उन्होंने अपनी शिक्षा इंटरमीडिएट तक पूरी की। उन्होंने 1930 के दशक में लेखन शुरू किया। 1925 में, उन्होंने अपने शहर को अलविदा कहकर अजमेर पहुंचे, जहाँ उनकी मुलाकात रफी अजमेरी से हुई। क़ैसी का पहली कहानी "ईसार-ए-मुजस्सम" रफी अजमेरी द्वारा संपादित पत्रिका 'कैफ' में प्रकाशित हुई था। कुछ समय के लिए, वे दिल्ली में ख़्वाजा हसन निज़ामी के घर भी रहे। साहित्य में उन्होंने उपन्यास लेखन में अपनी अलग पहचान बनाई। 1940 के दशक में उन्होंने उपन्यास लेखन शुरू किया, जो विभाजन के बाद उनकी मृत्यु तक जारी रहा। उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विषयों पर कई उपन्यास लिखे। उनके उपन्यासों की संख्या 100 से अधिक है।
क़ैसी रामपुरी, प्रसिद्ध लेखक, जीवनीकार और यात्रा लेखक मुल्ला वाहिदी देहलवी के दामाद थे।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए
बोलिए