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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : इमदाद अली बहर

प्रकाशक : मतबा मुस्तफ़ाई, लखनउ

प्रकाशन वर्ष : 1837

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : दीवान

पृष्ठ : 285

सहयोगी : इदारा-ए-अदबियात-ए-उर्दू, हैदराबाद

riyaz-ul-bahr
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लेखक: परिचय

बह्र, शेख़ इमदाद अ’ली(1810-1878)लखनऊ के बाशिंदे और लखनवी शाइ’री की पहचान, ‘नासिख़’, के शागिर्द। भाषा और छंद विघान के विद्वान थे। कुछ दिन रामपुर में रहे। अफ़ीम का शौक़ था। ज़िंदगी में बिखराव बहुत था, इस लिए अपनी शाइ’री यकजा नहीं रखी। दीवान मौत के बा’द संकलित और प्रकाशित हुआ।

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