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रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : जगत मोहन लाल रवाँ

प्रकाशक : अज़ीज़-उल-जब्बार ख़ाँ

प्रकाशन वर्ष : 1983

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 277

सहयोगी : सौलत पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर (यू. पी.)

rooh-e-rawan
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लेखक: परिचय

जगत मोहनलाल रवाँ की शायरी ने उर्दू की शे’री परम्परा में वैचारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक व आलेख को आम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनकी नज़्में और रुबाईयाँ एक बहुत समृद्ध वैचारिक वर्णंन लिये हुए हैं.
रवां की पैदाइश 14 जनवरी 1889 को मोरानों ज़िला सीतापूर में हुई. उनके पिता गंगा प्रसाद का देहांत उनके बचपन में ही हो गया था. पिता के देहांत के बाद उनकी परवरिश बड़े भाई मुंशी कन्हैयालाल ने की. रवाँ बहुत कुशाग्रबुद्धि के छात्र थे. एल.एल.बी. की सनद हासिल की और वकालत के पेशे से सम्बद्ध हो गये. रवाँ की तबियत बचपन ही से शायरी की ओर उन्मुख थी, अज़ीज़ लखनवी से अपने कलाम की त्रुटियों को ठीक कराया .रवाँ की नज़्मों ,ग़ज़लों और रुबाईयों का संग्रह ‘रूहे रवाँ’ के नाम से प्रकाशित हुआ.
24 सितम्बर 1934 को रवाँ का देहांत हुआ.


 

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