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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : असर सहबाई

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : राज महल पब्लिशर्स जम्मू, कश्मीर

मूल : जम्मू कश्मीर, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1945

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 182

सहयोगी : मटिया बुर्ज हिन्दुस्तानी लाइब्रेरी, कोलकाता

rooh-e-sahbai
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लेखक: परिचय

असर सहबाई, ख़्वाजा अब्दुस्समीअ पाल सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में पैदा हुए, तालीम लाहौर में पाई और वहीं वकालत के पेशे में रहे। दिल से शाइर और दिमाग़ से फ़लसफ़ी थे। श्रीकृष्ण और महात्माबुद्ध से अक़ीदत थी। शुरूअ’ में अपने बड़े भाई अमीन हज़ीं को कलाम दिखाया। ‘ताजवर’ नजीबाबादी, बृजमोहन दत् तात्रेय ‘कैफ़ी’ और ‘असर’ लखनवी से भी इस्लाह ली।

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