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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सबा अफ़ग़ानी

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 111

सहयोगी : असलम महमूद

saaz-e-shikasta
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लेखक: परिचय

सबा अफ़ग़ानी का नाम जलीलुर्रमान ख़ाँ था। 1920 में रामपुर में पैदा हुए। अरबी, फ़ारसी की शिक्षा प्राप्त की। उनके पिता हबीबुर्रहमान ख़ाँ को शायरी से बहुत दिलचस्पी थी, उनके यहाँ शायर दोस्तों की मजलिस लगी रहती थी। इस फ़िज़ा के असर से सबा अफ़ग़ानी भी शायरी करने लगे। स्थानीय मुशायरों और बैठकों में कलाम सुनाते, धीरे-धीरे सुन्दर कलाम और तरन्नुम की वजह से देशव्यापी स्तर पर होने वाले मुशायरों के महत्वपूर्ण अगं समझे जाने लगे।

‘मीना-ए-ग़ज़ल’, ‘साज़-ए-शिकस्ता’, और ‘रंग रूप’ उनके काव्य संग्रह हैं। 1986 में रामपुर में देहांत हुआ।

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