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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : अजमल अजमली

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : सूफ़िया पब्लिशर, दिल्ली

मूल : नई दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1990

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 157

सहयोगी : दारुल मुसन्निफ़ीन शिबली अकादमी, आज़मगढ़

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लेखक: परिचय

अजमल अजमली एक मार्च 1932 को इलाहाबाद के एक प्रसिद्ध शैक्षिक,साहित्यिक और सूफ़ी परम्परा के घराने में पैदा हुए. उनके पिता दाएरा शाह अजमल के सज्जादा नशीं थे. अजमली की परवरिश ख़ानक़ाही वातावरण में हुई. 1955 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बी.ए. और 1957 में एम.ए.किया. 1964 में ‘उर्दू के अफ़सानवी अदब में अवामी ज़िन्दगी की अक्कासी’ विषय पर शोधग्रंथ लिखकर डी.फ़िल. की डिग्री प्राप्त की. इस्लामिया कालेज श्रीनगर में उर्दू के उस्ताद रहे. 1964 में दिल्ली आ गये और सोवियत इन्फार्मेशन सर्विस में रिसाला ‘सोवियत देस’ के सम्पादक मंडल में शामिल हो गये. 1990 तक इस पत्रिका से सम्बद्ध रहे.
अजमल अजमली ने 1990 में अपनी शाइरी का संचयन ‘सफ़रज़ाद’ नाम से प्रकाशित किया. शाइरी के अलावा उन्होंने ‘उर्दू से हिन्दुओं का ता’ल्लुक़’ और ‘शाइरे आतिश नवा: क़ाज़ी नज़रुल इस्लाम की शाइरी और सवानिह’ जैसी दो किताबें भी लिखीं और अनगिनत आनुवाद भी किये. अजमल अजमली शाइरी और ज़िन्दगी दोनोँ स्तर पर प्रगतिवादी विचारधारा से बहुत प्रभावित थे. वह एक लम्बे समय तक आंदोलन के सक्रिय सदस्य रहे. 06 अगस्त 1993 को दिल्ली में देहांत हुआ.

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