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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : महशर इनायती

प्रकाशक : शारिक़ इनायती

मूल : कानपुर, भारत

प्रकाशन वर्ष : 2008

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

पृष्ठ : 200

सहयोगी : रामपुर रज़ा लाइब्रेरी,रामपुर

sahba wa saman
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लेखक: परिचय

महशर  इनायती, साबिर रज़ा ख़ाँ (1909-1976) रामपुर के एक मज़हबी घराने में पैदा हुए। उन के नाना इनायत-उल्लाह ख़ाँ महशर सूफ़ी बुज़ुर्ग थे और वो इसी लिहाज़ से इनायती हो गए। एक अख़्बार के संपादक रहे। उस्ताद शाइरों में शुमार था। अपनी रुबाइयों के लिए भी मशहूर।

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