aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
महशर इनायती, साबिर रज़ा ख़ाँ (1909-1976) रामपुर के एक मज़हबी घराने में पैदा हुए। उन के नाना इनायत-उल्लाह ख़ाँ महशर सूफ़ी बुज़ुर्ग थे और वो इसी लिहाज़ से इनायती हो गए। एक अख़्बार के संपादक रहे। उस्ताद शाइरों में शुमार था। अपनी रुबाइयों के लिए भी मशहूर।