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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : गोपाल मित्तल

प्रकाशक : मकतबा तहरीक, दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1970

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 110

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

सहरा में अज़ान
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लेखक: परिचय

गोपाल मित्तल की पहचान शायर, समालोचक और योग्य सम्पादक की है. उनकी पैदाइश 11 जून 1901 को मलियर कोटला (पूर्वी पंजाब) में हुई. सनातन धर्म कालेज लाहौर से बी.ए. किया और 1948 में दिल्ली आ गये. यहाँ माहनामा ‘तहरीक’ से सम्बद्ध हो गये. उनके सम्पादन में उस पत्रिका ने उर्दू की साहित्यिक पत्रकारिता में अहम भूमिका निभाई. गोपाल मित्तल ने शायरी के साथ अच्छी समालोचना भी लिखी. उनके लेखन ने नये वैचारिक विमर्श स्थापित करने और पुरानी बहसों को सही संदर्भ में समझने में सहयोग प्रदान किया.
गोपाल मित्तल को उनकी अदबी तन्कीदी ख़िदमात के लिए ग़ालिब एवार्ड और बिहार उर्दू अकादमी एवार्ड से नवाज़ा गया. 15 मार्च 1993 को दिल्ली में उनका देहांत हुआ.

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