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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : दुआ अली

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : दुआ अली

प्रकाशन वर्ष : 2023

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : नज़्म

पृष्ठ : 77

सहयोगी : दुआ अली

sarapa dua
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लेखक: परिचय

शिक्षाः चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें “रौशनी भी फ़रेब देती है” 2014 में, “दिसंबर की उदास शामें” 2015 में, “मुझे बारिश से कहने दो” 2017 में, “लम्हा-लम्हा किर्चियाँ” 2019 में (नाॅवेल)।
प्रकाशनाधीन किताबें (नाॅवेल “दिल का क़ब्रिस्तान”, “ज़िंदान-ए-मुहब्बत”, “मुहब्बत है दुआ जैसी” (शेरी मजमूआ )। बाब-ए-दुआ के प्लेटफ़ाॅर्म से अब तक कई किताबें मुरत्तिब कर चुकी हैं। ऑनलाइन किताबें प्रकाशित करने का सिलसिला जारी है। ऑनलाइन संपादित किताबेंः “जलवा-ए-कायनात”, “सलाम या हुसैन”, “नूर-ए-सहर”। नातों का संग्रह “वजूद-ए-ज़न से है तस्वीर-ए-कायनात में रंग”, “रम्ज़-ए-दुआ”, “चश्म-ए-नम”, “शब-ए-हिज्राँ”, “तुम क्यों आए हो”, “साद उल्लाह शाह (मुंतख़ब ग़ज़लें )”, “बारिश ने कहा मुझसे”, “दुआ-ए-अक़ीदत”, “सिफ़ने मारे गए”, “हम तुम्हें नहीं भूले”, “अज़ीज़ आदिल (मुंतख़ब ग़ज़लें )”, “चिनारों से उठता धुआँ”, “दुआ-ए-नीमशब”, “बिखरे पात”, “सुलगते हर्फ़”, “चनचना दे मुआमले”, “नज़्म कहते रहो”, “बिंत-ए-हव्वा”, “इक उम्र की मुसाफ़त”, “सल्लल्लाह”। मुदीरा माहनामा बाब-ए-दुआ ऑनलाइन मैगज़ीन, जिसके अब तक 48 शुमारे आ चुके हैं। एवार्डः 8 मार्च 2018 को अदब सराय इंटरनेशनल लाहौर की जानिब से गोल्ड मेडल से नवाज़ा गया। इदारा दस्तक मीरपुर ख़ास की बारहवीं सालगिरह पर 12 अप्रैल 2018 को शेरी अदब में ख़िदमात पर एवार्ड से नवाज़ा गया।

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