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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : जलाल लखनवी

प्रकाशक : अनवारुल मताबे, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शब्द-कोश

पृष्ठ : 334

सहयोगी : हिन्दुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद

sarma-e-zaban-e-urdu wa tohfa-e-sukhanwaran
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लेखक: परिचय

जलाल लखनवी,मीर ज़ामिन अली(1834-1909)दाग़ देहलवी और अमीर मीनाई के समकालीन प्रमुख शाइर। लखनऊ में पैदा हुए और पले बढ़े। अच्छे हकीम थे। एक अरसे तक नवाब रामपुर और फिर नवाब मंगरौल (काठियावाड़) के दरबार से जुड़े रहे। आख़िरी दिनों में शाइरी के सिवा और कुछ न किया।

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