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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : निहाल सेवहारवी

प्रकाशक : मशहूर पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली

प्रकाशन वर्ष : 1944

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : काव्य संग्रह

पृष्ठ : 205

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

शबाब-ओ-इंक़िलाब
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लेखक: परिचय

मुंशी अब्दुल खालिक़ निहाल 27 अगस्त 1901 को सिवहारा ज़िला बिजनौर में पैदा हुए. फ़ारसी और अंग्रेज़ी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद रोज़गार की तलाश में दिल्ली आ गये और रेल विभाग में मुलाज़िम हो गये. विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गये. 29 दिसम्बर 1951 को कराची में देहांत हुआ.
निहाल सेवहार्वी के तीन काव्य संग्रह ‘गुलबांग-ए-आज़ादी’ ‘निहालिस्तान’ ‘शबाब-ओ-इन्क़लाब’ प्रकाशित हुए. इन संग्रहों से गुज़रते हुए निहाल की रचनात्मक हुनरमंदी और उनके वैचारिक फैलाव का अंदाज़ा होता है.    

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