Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : महवी सिद्दीक़ी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : हक़्क़ानी बरक़ी प्रेस, मद्रास

मूल : चेन्नई

प्रकाशन वर्ष : 1938

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

पृष्ठ : 24

सहयोगी : ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी, पटना

समर्थन : Dentsu (एक CSR पहल)

shair ka dil
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

महवी लखनवी, मोहम्मद हुसैन सिद्दीक़ी (1891-1975) बहुमुखी प्रतिभा वाले शाइ’र, अनुवादक, आलोचक, भाषा-विद। लखनऊ और भोपाल में अ’रबी, फ़ारसी, उर्दूकी शिक्षा पाई। भोपाल, अ’लीगढ़ और मदरास में शिक्षाण और अनुवाद का काम किया। मदरास युनिवर्सिटी में लेक्चरर भी रहे। बाल-साहित्य में भी महत्वपूर्ण योगदान। शौक़ क़िदवाई के शार्गिद थे।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए