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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : नातिक़ गुलावठी

प्रकाशक : मक्त्बा दीन-ओ-अदब, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1968

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : व्याख्या

पृष्ठ : 499

सहयोगी : ख़ुदा बख़्श लाइब्रेरी, पटना

sharh deewan-e-ghalib
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लेखक: परिचय

नातिक़ गुलावठी, सय्यद अबुल-हसन (1886-1969) कामटी (महाराष्ट्र) में पैदा हुए मगर उन का घराना गुलावठी, मेरठ (उत्तर प्रदेश) का था। दारुलउलूम (इस्लामी विश्वविद्यालय), देवबन्द में शिक्षा प्राप्त की। हकीम भी थे। मिर्ज़ा‘ दाग़’ देहलवी के शागिर्द। नागपुर म्युनिसिपल कमेटी और केंद्रीय असम्बली के सदस्य रहे। मिर्ज़ा‘ग़ालिब’ के दीवान की शर्ह (व्याख्या) भी लिखी।

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