aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
जु़ल्फ़िक़ार आ’दिल 15 फ़रवरी 1972 को पंजाब के शहर शुज़ाआ’बाद, (मुल्तान) में पैदा हुए। पेशे से मेकैनिकल इन्जीनियर हैं। उनका पहला काव्य सग्रह ‘शर्क़ मिरे शुमाल में’ 2015 में प्रकाशित हुआ था। शाइ’री के अ’लावा, उन्होंने स्टेज के लिए ड्रामे लिखे हैं, निर्देशन दिया है और एक्टिंग भी की है। कुछ साल ‘अजूका’ थिएटर से भी संबंध रहा है। उन्होंने टी.वी. ड्रामों के लिए गीत भी लिखे हैं। कथाकार के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित करने वाले ज़ुल्फ़िक़ार आ’दिल इन दिनों अपना पहला उपन्यास मुकम्मल करने में मस्रूफ़ हैं।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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