Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : सय्यद आबिद अली आबिद

संस्करण संख्या : 002

प्रकाशक : बज़म-ए-इक़बाल, लाहाैर

प्रकाशन वर्ष : 1977

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शोध एवं समीक्षा

उप श्रेणियां : शायरी तन्क़ीद, इक़बालियात तन्क़ीद

पृष्ठ : 438

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

शेर-ए-इक़बाल
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

पुस्तक: परिचय

"شعر اقبال" سید عابد علی عابد کی تصنیف ہے۔ اس کتاب میں انھوں نے اقبال کی شاعری کے فنی پہلوؤں کو اجاگر کیا ہے۔ کتاب میں اقبال کی فکری ، جذباتی، انسانی اور روحانی زندگی میں مطابقت اور ہم آہنگی تلاش کی گئی ہے۔ کتاب کو تین اجزاء میں تقسیم کیا ہے۔ پہلے جزو میں تاریخی پس منظر ، ملت اسلامیہ کے زوال کے اسباب اور بر صغیر پاک و ہند میں مسلمانوں کی زبوں حالی کا تجزیہ کیا گیا ہے۔ دوسرے جزو میں اقبال کے سفر یورپ کے بعد آنے والے فکری انقلاب کا تجزیہ پیش کیا ہے۔وجبکہ تیسرے حصہ میں اقبال کی شاعری کا فنی نقطہ نظر اور جمالیاتی اقدار کے حوالے سے مطالعہ کیا گیا ہے۔ ساتھ ہی ساتھ فنون لطیفہ اور شعر وادب سے متعلق مصنف کے نظری مباحث کا عملی اور تجزیاتی مطالعہ بھی کیا ہے۔ مصنف نے معانی ، بیان ، بدیع اور اسلوب سے متعلق جو انتقادی تصورات وضع کیے تھے ، انھیں تصورات کی روشنی میں اقبال پر مواد پیش کیا ہے۔

.....और पढ़िए

लेखक: परिचय

उर्दू में जिन लोगों ने एक व्यापक साहित्यिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक चेतना के साथ समालोचना लिखी है उनमें एक नाम आबिद अली आबिद का भी है. आबिद अली आबिद उर्दू के साथ फ़ारसी व अंग्रेज़ी ज़बान व साहित्य के ज्ञाता भी थे, इसी वजह से उनका समालोचनात्मक डिस्कोर्स उनके दौर में लिखी जानेवाली पारंपरिक आलोचना से भिन्न नज़र आता है.
आबिद अली आबिद 17 सितम्बर 1906 को डेरा इस्माइल खां में पैदा हुए. उनके पिता फ़ौज में मुलाज़िम थे. लाहौर से एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्त की और गजराब में वकालत करने लगे लेकिन उनकी शैक्षिक और साहित्यिक रुचि उन्हें लाहौर खीँचलाई. पंजाब यूनिवर्सिटी से फ़ारसी में एम.ए. किया और दयाल सिंह कालेज लाहौर में फ़ारसी के प्रोफेसर नियुक्त हुए. 20 जनवरी 1971 को लाहौर में देहांत हुआ.
आबिद अली आबिद की कृतियों के नाम ये हैं: ‘ओसुल-ए-इन्तेक़ाद,’ ‘अदब के उस्लूब,’ ‘शमा,’ ‘यदे बैज़ा,’ ‘सुहाग,’ ‘तल्मिहात-ए-इक़बाल,’ ‘तिलिस्मात,’ ‘मै कभी ग़ज़ल न कहता,’ ‘बरेशाम ऊद,’ ‘इन्तेक़ाद,’ वगैरह.

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए