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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : मख़दूम मुहिउद्दीन

संस्करण संख्या : 002

प्रकाशक : इदारा-ए-इशाअत-ए-उर्दू, हैदराबाद

मूल : हैदराबाद, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1943

भाषा : Urdu

पृष्ठ : 146

सहयोगी : रेख़्ता

tagore aur unki shayeri
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लेखक: परिचय

मख़्दूम मोहीउद्दीन, अबू सईद मोहम्मद मख़्दूम मोहीउद्दीन हज़री (1908-1969) प्रगतिशील आन्दोलन से संबंधित प्रमुखतम शाइरों में शामिल, जिन्होंने क्राँतिकारी विचारों और रूमानियत के मेल से दिमाग़ और दिल दोनों का छूने वाली शैली पैदा की और लोकप्रियता का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। हैदरबाद के एक मज़हबी घराने में जन्म। उस्मानिया युनिवर्सिटी में उर्दू के लेक्चरर रहे। कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल होने के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी। जेल गए और विधायक चुने गए। उन के कई प्रेम-प्रसंग मशहूर हैं। उन की शाइरी फ़िल्मों में भी इस्तेमाल की गई।

 

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