Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : अहसन मारहरवी

संपादक : रहील सिद्दीक़ी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : डायरेक्टर क़ौमी कौंसिल बरा-ए-फ़रोग़-ए-उर्दू ज़बान, नई दिल्ली

मूल : नई दिल्ली, भारत

प्रकाशन वर्ष : 2011

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शोध एवं समीक्षा

उप श्रेणियां : इतिहास

पृष्ठ : 530

ISBN संख्यांक / ISSN संख्यांक : 978-81-7587-583-8

सहयोगी : गवर्नमेंट उर्दू लाइब्रेरी, पटना

tareekh-e-nasr-e-urdu
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

अहसन मारहरवी, सय्यद अ’ली अहसन (1876-1940)‘दाग़’ देहलवी के शागिर्द थे और कई साल हैदराबाद में उस्ताद के साथ गुज़ारे। उ’म्र के आख़िरी बरसों के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उर्दू के उस्ताद रहे। मुशाएरों में गलेबाज़ी के बढ़ते चलन से नाराज़ रहते थे।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए