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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : परवेज़ शाहिदी

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : ज़ैन पब्लिकेशन, कराची

मूल : कराची, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 2005

भाषा : उर्दू

पृष्ठ : 273

सहयोगी : इदारा-ए-अदबियात-ए-उर्दू, हैदराबाद

tasliyat-e-hayat
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लेखक: परिचय

परवेज़ शाहीदी प्रगतिशील शाइर और आंदोलन के सक्रिय सदस्य थे. 30 सितम्बर 1910 को अज़ीमाबाद में पैदा हुए. सय्यद इकराम हुसैन नाम था. कलकत्ते से 1925 में मैट्रिक किया. 1930 में पटना  यूनिवर्सिटी से फ़ारसी साहित्य में बी.ए. किया और 1934 में एम.ए. 1935 में नौकरी के लिए कलकत्ते चले गये. कलकत्ते में नौकरी के दौरान ही कम्युनिस्ट आंदोलन से सम्बद्ध होगये और सक्रिय रूप से पार्टी के कामों में लग गये. 1949 में जेल भी गये. परवेज़ आजीविका के लिए बहुत परेशान रहे. कई स्कूलों में शिक्षक के रूप में भी काम किया. उम्र के आख़िरी दिनों में 1958 से 1968 तक कलकत्ता यूनिवर्सिटी में उर्दू के लेक्चरर के रूप में नियुक्त हुए.
परवेज़ शाहीदी के दो काव्य संग्रह ‘रक्स-ए-हयात’ और ‘तस्लीस-ए-हयात’ के नाम से प्रकाशित हुए. उन्होंने नज़्म और ग़ज़ल दोनों विधाओं में शाइरी की. 05 मई 1968 को देहांत हुआ.


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