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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : यशपाल

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : विप्लव कार्यालय, लखनऊ

मूल : लखनऊ, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1954

भाषा : Devnagari

पृष्ठ : 109

सहयोगी : दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड लाइब्रेरी

तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ
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