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लेखक : सय्यद ज़मीर जाफ़री

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशक : बाबर जमाल चौहान

मूल : रावलपिंडी, पाकिस्तान

प्रकाशन वर्ष : 1977

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : हास्य-व्यंग

उप श्रेणियां : गद्य/नस्र

पृष्ठ : 166

सहयोगी : दारुल मुसन्निफ़ीन शिबली अकादमी, आज़मगढ़

viliyati zafran
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लेखक: परिचय

सय्यद ज़मीर जाफ़री उर्दू में हास्य व्यंग्य के लोकप्रिय शाइरों में से हैं. उनका असल नाम सय्यद ज़मीर हुसैन था. एक जनवरी 1914 को चक अब्दुल खालिक़ ज़िला झेलम में पैदा हुए. गवर्नमेंट हाईस्कूल झेलम और इस्लामिया कालेज लाहौर से शिक्षा प्राप्त की. एक पत्रकार के रूप में व्यवहारिक जीवन को आरंभ किया उसकेबाद फ़ौज में शामिल हो गये और मेजर के पद से सेवानिवृत हुए. रावलपिंडी से ‘बाद-ए-शुमाल’  नाम से एक अख़बार भी निकाला. कुछ अर्से तक इस्लामाबाद के विकास संस्था से सम्बद्ध रहे.
 ज़मीर जाफ़री ने नस्र और नज़्म दोनों विधाओं में लिखा. उनका हास्य ज़िन्दगी के निहायत मार्मिक और संजीदा मसाइल से फूटता है और पाठक को अपने आसपास फैली हुई दुनिया को एक नई और अलग नज़रों से देखने पर आमादा करताहै. उनके प्रकाशनों के नाम ये हैं: ‘कारज़ार’ ‘लहू तरंग’ ‘जज़ीरों के गीत’ ‘मन के तारे’ ‘माफ़िलज़मीर’ ‘विलायती ज़ाफ़रान’ ‘क़रिया-ए-जां’ ‘आग’ ‘इकतारा ‘ज़मिरियात’.
पाकिस्तान सरकार ने 1984 में उन्हें सदारती तम्गये हुस्ने कारकर्दगी सम्मान से नवाज़ा. 12 मई 1999 को न्यूयार्क में देहांत हुआ.

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