Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : असद अली ख़ान क़लक़

प्रकाशक : मतबा हसनी रियासत, रामपुर

मूल : रामपुर, भारत

प्रकाशन वर्ष : 1847

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी

उप श्रेणियां : वासोख़्त

पृष्ठ : 28

सहयोगी : रामपुर रज़ा लाइब्रेरी,रामपुर

wasokht wa qalaq nama
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

क़लक़, ख़्वाजा असद अ’ली ख़ाँ (लगभग 1820-1879)अवध के आख़िरी नवाब वाजिद अ’ली शाह के ख़ास मुसाहिब (दरबारी) थे और ‘आफ़्ताबुद्दौला शम्स जंग बहादुर’ का ख़िताब मिला हुआ था। नवाब को अंग्रेज़ों ने विर्वासित करके कलकत्ता भेजा तो ‘क़लक़’ भी उनके साथ वहीं चले गए। बा’द में रामपुर आ रहे और वहीं देहाँत हुआ।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए