Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक: परिचय

आग़ा शाइ’र, मुज़फ़्फ़र बेग क़ज़लबाश (1871-1940) देहली के अलबेले शख़्स थे जो रस्मी शिक्षा न होने के बावजूद अपनी फ़ितरी रचनाशीलता के बल पर ज़िंदा रहे। बारह साल की उ’म्र में घर छोड़ दिया और इधर उधर होते हुए हैदराबाद जा पहुँचे और ‘दाग़’ देहलवी की शागिर्दी मे आगए। वहाँ पाँव जम गए थे मगर फिर चल पड़े और वापस देहली आगए। यहाँ से कलकत्ता गए और किसी ड्रामा कम्पनी के लिए ड्रामे लिखे। आख़िर में मौत उन्हें उनके वतन खींच लाई।

.....और पढ़िए
For any query/comment related to this ebook, please contact us at haidar.ali@rekhta.org

लेखक की अन्य पुस्तकें

लेखक की अन्य पुस्तकें यहाँ पढ़ें।

पूरा देखिए

लोकप्रिय और ट्रेंडिंग

सबसे लोकप्रिय और ट्रेंडिंग उर्दू पुस्तकों का पता लगाएँ।

पूरा देखिए

Rekhta Gujarati Utsav I Vadodara - 5th Jan 25 I Mumbai - 11th Jan 25 I Bhavnagar - 19th Jan 25

Register for free
बोलिए