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तमन्ना को गुल-ओ-गुलज़ार करना

अबुल हसनात हक़्क़ी

तमन्ना को गुल-ओ-गुलज़ार करना

अबुल हसनात हक़्क़ी

MORE BYअबुल हसनात हक़्क़ी

    तमन्ना को गुल-ओ-गुलज़ार करना

    मिरे दश्त-ए-तलब को पार करना

    मिरे मालिक मुझे आसान कर दे

    गुज़र हर-सम्त से इक बार करना

    मुझे भी रफ़्ता रफ़्ता गया है

    ख़ुद अपने काम को दुश्वार करना

    नहीं यारों में सच सुनने का यारा

    बरहना मस्ती-ए-गुफ़्तार करना

    मैं तन्हाई में बैठा रो रहा हूँ

    बहुत अच्छा लगा था प्यार करना

    स्रोत :
    • पुस्तक : imkaan-e-roz-o-shab (पृष्ठ 45)
    • रचनाकार : sayed abul hasnat haqqi
    • प्रकाशन : Educational publishing house (2011)
    • संस्करण : 2011

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