ढल चुकी रात मुलाक़ात कहाँ सो जाओ
ढल चुकी रात मुलाक़ात कहाँ सो जाओ
सो गया सारा जहाँ सारा जहाँ सो जाओ
सो गए वहम-ओ-गुमाँ वहम-ओ-गुमाँ सो जाओ
सो गया दर्द-ए-निहाँ दर्द-ए-निहाँ सो जाओ
कब तलक दीदा-ए-नम दीदा-ए-नम दीदा-ए-नम
कब तलक आह-ओ-फ़ुग़ाँ आह-ओ-फ़ुग़ाँ सो जाओ
आह अब टूट चला टूट चला टूट चला
आह ये रिश्ता-ए-जाँ रिश्ता-ए-जाँ सो जाओ
उठ चले दिल के मकीं दिल के मकीं दिल के मकीं
लुट गया सारा मकाँ सारा मकाँ सो जाओ
- पुस्तक : Awaz Na Do (पृष्ठ 39)
- रचनाकार : Javed Kamal
- प्रकाशन : Sky Lark Publishers, Aligarah (1993)
- संस्करण : 1993
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