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लखनऊ के शायर और अदीब

कुल: 467

18वीं सदी के बड़े शायरों में शामिल, मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन।

शायर, ख़दंग-ए-नज़र, ज़माना कानपुर और अदीब जैसी पत्रिकाओं के संपादक

शायर,गद्यकार

उत्तर-क्लासिकी शायर, अपने सर्वाधिक लोकप्रिय शेरों के लिए प्रसिद्ध

लोकप्रिय शायर, मुशायरों का ज़रूरी हिस्सा।

रामायण, भगवत गीता, और दूसरे बहुत से मज़हबी व ग़ैर मज़हबी पाठों का छन्दोबद्ध व गयात्मक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध

इलाहाबाद के एक मशहूर वकील थे। वे भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के पिता थे। वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के आरम्भिक कार्यकर्ताओं में से थे। जलियांवाला बाग काण्ड के बाद 1919 में अमृतसर में हुई कांग्रेस के वे पहली बार अध्यक्ष बने और फिर 1928 में कलकत्ता में दोबारा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।

बहराइच में जन्मे जाने माने प्रगतिशील शयर / फ़िराक़ के शागिर्द

18वी सदी के बड़े शायरों में शामिल। मीर तक़ी 'मीर' के समकालीन

प्रसिद्ध विद्वान और शिक्षाविद, जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति रहे.

प्रसिद्ध आलोचक और कथाकार. अपनी आलोचनात्मक पुस्तक ‘उर्दू नॉवेल की तन्क़ीदी तारीख़’ और उपन्यास ‘शाम-ए-अवध’ के लिए प्रसिद्ध. अंग्रेज़ी के अध्यापक रहे।

विश्व प्रसिद्ध मसनवी " ज़हर-ए-इश्क़ " के रचयिता

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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